नई दिल्ली. कोविड-19 महामारी के कारण इस साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार तीन फीसदी घट गया है। यह बात संयुक्त राष्ट्र के व्यापार संगठन युनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्र्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटाड) ने अपनी एक नई रिपोर्ट में कही। अंकटाड ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में अंतरराष्ट्र्रीय व्यापार मार्च तिमाही के मुकाबले 27 फीसदी घट सकता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में जहां गिरावट दर्ज की गई है, वहीं कमोडिटी की कीमतें भी काफी घट गई है। पिछले दिसंबर से अब तक कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट आई है।
36 अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट
अंकटाड ने यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्र्रीय सांख्यिकी संगठनों और कई देशों के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयों और प्रणालियों की मदद से तैयार की है। अंकटाड के महासचिव मुखिसा कित्युई ने कहा कि हर देश की सरकार पर कोविड-19 महामारी के बाद के लिए ऐसे फैसले लेने का दबाव है, जिसका असर दूरगामी हो। 36 अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा तैयार रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल की पहली तिमाही में अंतरराष्ट्र्रीय ट्रेड के वैल्यू में 3 फीसदी की गिरावट आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में अंतरराष्ट्र्रीय व्यापार पहली तिमाही के मुकाबले 27 फीसदी घट सकता है।
कमोडिटी प्राइस में भी भारी गिरावट, मार्च में ईंधन कीमतों में 33.2 फीसदी की गिरावट आई
रिपोर्ट के मुताबिक अंकटाड के फ्री मार्केट कमोडिटी प्राइस इंडेक्स (एफएमसीपीआई) के वैल्यू में जनवरी में 1.2 फीसदी, फरवरी में 8.5 फीसदी आौर मार्च में 20.4 फीसदी गिरावट आई है। यह इंडेक्स विकासशील अर्थव्यवस्थाओं द्वारा निर्यात की जाने वाली प्राथमिक कमोडिटीज की कीमतों में बदलावों का दर्शाता है। इस गिरावट में सबसे बड़ी भूमिका ईंधन कीमतों ने निभाई। इसमें मार्च में 33.2 फीसदी गिरावट रही। खनिजों, अयस्कों, धातुओं, खाद्य पदार्थों और कृषि संबंधी कच्चे माल में 4 फीसदी से कम गिरावट रही।
कमोडिटी मूल्यों में 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के मुकाबले ज्यादा गिरावट
कमोडिटी कीमतों में मार्च में आई 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट एफएमसीपीआई के लिए ऐतिहासिक गिरावट है। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय माह-दर-माह आधार पर अधिकतम 18.6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। उस समय गिरावट 6 महीने तक दिखी थी। दुर्भाग्य से आज की गिरावट कितनी रहेगी और कब तक रहेगी, इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी गिरावट की चेतावनी दी है
कोरोनावायर महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गिरावट आने से पहले अंतरराष्ट्रीय वस्तु व्यापार के वॉल्यूम और वैल्यू में थोड़ी तेजी दिख रही थी। यह तेजी 2019 के आखिरी हिस्से के बाद से दिख रही थी। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को जारी एक अनुमान में कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी गिरावट आ सकती है। साथ ही आर्थिक गतिविधियां बाधित होने और अनिश्चितता बढ़ने से 1930 के बाद की सबसे बड़ी मंदी का संकट खड़ा हो गया है।