श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर रियाज नाइकू की मौत को कुछ लोगों द्वारा ‘हिंसा भड़काकर तथा विरोध प्रदर्शन करके’ और लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उमर ने एक ट्वीट में कहा कि नाइकू ने जिस क्षण बंदूक उठा ली थी और हिंसा तथा आतंकवाद का रास्ता अपना लिया था, उसी दिन उसकी नियति तय हो गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘उसकी मौत का इस्तेमाल कुछ लोगों द्वारा हिंसा तथा विरोध प्रदर्शन भड़काकर और लोगों को खतरे में डालने के लिए बहाने के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए।’’ आठ साल से फरार चल रहे नाइक को सुरक्षा बलों ने बुधवार को कश्मीर के पुलवामा जिले में उसके गांव में ढेर कर दिया था। तीन दिन पहले ही सेना के दो अधिकारियों समेत आठ सुरक्षाकर्मी हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। अधिकारी के अनुसार नाइकू के सिर पर 12 लाख रुपये का इनाम था और वह तीन बार पुलिस के चंगुल से भाग गया था। 35 साल के नाइकू के मारे जाने की खबर फैलने के बाद कुछ लोगों द्वारा सुरक्षा बलों पर पथराव की कुछ घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं को बड़ी सावधानी से संभाला गया ताकि और कोई नुकसान नहीं हो।
हिंसा भड़काने के लिए न हो हिज्बुल कमांडर नाइकू की मौत का इस्तेमाल: उमर अब्दुल्ला