जयपुर. कोरोना...यानी मौत को हराने और जिंदगी को जिताने की सबसे बड़ी जंग। प्रदेश की सबसे छोटी कोरोना मरीज ढाई साल की बच्ची ने यह जंग फतह कर ली है। कोरोना पॉजिटिव होने के 18 दिन बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। दुनियाभर में हजारों लोगों की जान ले चुके इस घातक वायरस ने जब इस मासूम को अपनी चपेट में लिया था तो डॉक्टरों का भी कलेजा कांप गया। जांच करते हुए उनकी आंखें भी नम थीं। दरअसल, यह बच्ची झुंझुनूं में रहने वाले अपने माता-पिता के साथ इटली गई थी। और वहीं इस दंपती के साथ-साथ यह बच्ची भी कोरोनावायरस की चपेट में आ गई। इन तीनों का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज शुरू हो गया। इतनी छोटी बच्ची को कोरोना जैसे जानलेवा संक्रमण से बचाना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती थी। इन डॉक्टरों को न सिर्फ मासूम का इलाज करना था बल्कि अपनी भावनाओं पर भी काबू पाना था, जो उनके लिए कभी-कभी बेहद मुश्किल हो जाता था। इन डॉक्टरों की जुबानी जानिए, कि पॉजिटिव काे निगेटिव करने के लिए उन्हें कैसी-कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
यह पहली बार था जब इतनी छोटी बच्ची का मामला हमारे सामने आया था। हम लगातार लोगों का इलाज कर रहे थे। लेकिन इस केस में हमने भी खुद को बेबस पाया। पहली बार जब इतनी छोटी बच्ची का सैंपल लिया तो हम डॉक्टर्स भी भावुक थे। हमारी आंखों में भी नमी थी। बुखार, सांस की परेशानियां, कफ और रेस्पिरेटरी फेलियर के मरीजों के बीच वह अकेली इतनी छोटी मरीज थी जो हमें अपनी तकलीफ भी नहीं बता सकती थी। डॉक्टर, नर्स जब प्रोटेक्टिव सूट में उसके पास पहुंचते तो वह डर के मारे जोर-जोर से रोने लगती। ग्लव्स पहने हुए हमारे हाथ न उसके गाल थपथपा पाते न ही उसे गोद में उठा पाते। बस दिलासा दे के रह जाते। छोटी बच्ची और उसके माता-पिता का यह दर्द सबको दिख रहा था। दुनिया भर में इस बीमारी से लोग मर रहे हैं। विदेशों में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां छोटे बच्चों को इस वायरस ने काफी तकलीफ दी थी। यह सब हमारे लिए अनजाना नहीं था। बच्ची को इस पीड़ा से गुजरते देखना बहुत तकलीफदायक था। लेकिन यह दर्द की कहानी नहीं है, यह उस मासूम के इस बीमारी से लड़ने और उसे हरा देने के जज्बे के बारे में है। 18 दिन के इलाज के बाद जब पहली रिपोर्ट निगेटिव आई तो हम सब बहुत खुश थे। उसके चेहरे पर भी एक मुस्कुराहट थी। अभी 14 दिन और अस्पताल में रहने के बाद वह अपने घर लौट जाएगी। हम सब उसे बहुत मिस करेंगे लेकिन ईश्वर से यही प्रार्थना कि हमारे नन्हे मासूमों के आसपास भी कोरोनावायरस का राक्षस कभी न फटके।