पटना. कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन का सोमवार को 13वां दिन है। पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर समेत पूरे बिहार में लॉकडाउन प्रभावी है। एक बाइक पर दो लोगों के सवार होने पर भी रोक लगा दी गई है। इस बीच, अच्छी खबर यह है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिला है। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 32 है। एक मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि 4 ठीक भी हुए हैं। रविवार को 706 सैंपल की जांच हुई थी। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। छपरा के पहले कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। उसके 13 नजदीकी लोग भी कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं पाए गए हैं।
इधर, गोपालगंज के एक कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। वह 20 दिन पहले गुजरात के सूरत से आए थे। रविवार को परिजनों ने मरीज को गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति देखते हुए मरीज को पटना रेफर किया था। सोमवार को पटना लाते समय रास्ते में ही मरीज की मौत हो गई। परिजन शव को वापस गोपालगंज ले गए। सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद परिजन को शव सौंपा जाएगा।
पीएमसीएच में भी जांच शुरू
राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। इसके तहत, सोमवार से कोरोना के सैंपल की जांच पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल(पीएमसीएच) में भी शुरू हो गई। इससे पहले कोरोना की जांच आरएमआरआई, आईजीआईएमएस और डीएमसीएच में हो रही थी। अब राज्य में चार जगह कोरोना की जांच होगी। रियल टाइम पीसीआर मशीन की सुविधा शुरू होने से पीएमसीएच में कोरोना के अलावा स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, हेपेटाइटिस बी की भी जांच हो सकेगी। अभी सिर्फ जांच कोरोना पर ही केंद्रित रहेगी। यहां की मशीन की क्षमता एक शिफ्ट में 40 सैंपल की जांच करने की है। हर रोज दो शिफ्ट में 80 सैंपल की जांच हो सकेगी।
30 तक सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व टेक्नीशियन की छुट्टी रद्द
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी 30 अप्रैल तक रद्द कर दी है। इसमें संविदा और नियोजित दोनों श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं। विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि यह आदेश सभी चिकित्सा अधिकारी, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य/अधीक्षक से लेकर जूनियर रेजिडेंट व विशिष्ट चिकित्सा संस्थान के निदेशक तक पर लागू होगा।
क्वारैंटाइन सेंटरों में उपद्रव पर राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत दर्ज होगा मुकदमा
क्वारैंटाइन सेंटरों में हंगामा करने वालों के खिलाफ सरकार ने तेवर कड़े कर लिए हैं। हंगामा करने वालों पर राष्ट्रीय आपदा अधिनियम और आईपीसी की धाराओं में मुकदमा किया जाएगा। आइसोलेशन की अवधि खत्म होने के बाद हंगामा करने वालों को घर की बजाय सीधे जेल भेज दिया जाएगा। ऐसे लोगों की गतिविधियों को समाज के लिए खतरनाक मानते हुए सरकार ने यह फैसला किया है।