हार्वर्ड शोधकर्ताओं ने बताया है कि दुनियाभर में लोगों को कोविड-19 वैक्सीन के अभाव में साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ सकता है और इसका पानल न करने से संक्रमण में बढ़ोतरी हो सकती है। शोधकर्ता के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना का रोकने का सबसे बड़ा हथियार है। इसी बीच चीन के एक शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि चीन और अन्य देशों में नवंबर में दोबारा कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है।
उन्होंने यह चेतावनी ऐसे समय दी है जब करीब तीन महीने तक महामारी से लड़ने के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में हालात सामान्य हो रहे हैं। शंघाई में कोविड-19 विशेषज्ञ टीम और शहर के शीर्ष अस्पतालों में संक्रामक बीमारी विभाग का नेतृत्व करने वाले झांग वेंहोंग उम्मीद करते हैं कि दीर्घकाल में देश बार-बार उभरने वाली महामारी के प्रति लचीला रुख अपनाएंगे।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के देश शरद ऋतु तक कोरोना वायरस की महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण स्थापित कर लेंगे लेकिन आने वाली सर्दी में चीन और अन्य देशों को इस महामारी का दोबारा सामना कर पड़ सकता है। छोटी अवधि के वीडियो के लिए लोक्रपिय मंच कुआइशोउ पर झांग ने कहा कि चीन को बीमारी नियंत्रित करने को लेकर प्राप्त अनुभव का अभिप्राय है कि इस साल के आखिर में इसे नियंत्रित किया जा सकता है और वायरस को नियंत्रित करने के लिए नाटकीय और सख्त उपाय दोहराने की जरूरत नहीं होगी। झांग की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब चीनी अधिकारी देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश के तहत पृथकवास के नियमों में ढील दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बुधवार तक देश में कोविड-19 मामलों की संख्या 82,341 तक पहुंच गई जिनमें से 3,342 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र रहे वुहान में मामले नहीं आ रहे हैं और चीन में दर्ज होने वाले अधिकतर मामले उन चीनी नागरिकों के हैं जो विदेश यात्रा कर लौट रहे हैं। चीन की पत्रिका सीयाशीन ने झांग को उद्धृत करते हुए लिखा, 'चीन अब कोई लॉकडाउन लागू नहीं करेगा और देश में संभवत: बड़ी संख्या में आयातित मामले होंगे।'