शिवसेना के मुखपत्र सामना में शनिवार के संपादकीय में लिखा गया कि आर्थिक महाबर्बादी पर क्या और कैसे उपाय किए जाएं, इसके बजाए राजनीतिक पार्टियां दिल्ली हिंसा, सीएए, एनपीआर, मध्य प्रदेश की राजनीति और महाराष्ट्र में नए कारनामे का कोयला जलाकर बैठी हैं.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में कोरोना वायरस की वजह से हो रही आर्थिक महाबर्बादी की बात कही गई है. सामना में आने वाले दिनों के आर्थिक संकट के बारे में चेताया गया है. सामना ने लिखा है, हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही डगमगाई थी अब वो और गिरती जा रही है.
सामना ने लिखा, अर्थव्यवस्था को बल देनेवाला हर घटक या तो कोरोना के डर से दरवाजा बंद कर बैठा है या फिर अतिदक्षता विभाग में मूर्छित पड़ा है. विश्व की अर्थव्यवस्था 'मास्क' पहनकर चेहरा छिपाकर बैठी है. इसका प्रभाव सिर्फ अंबानी जैसों को ही नहीं, बल्कि आम लोगों पर पड़ने वाला है.