दो डाक्टरों के बीच मुकाबले में
डा. वालिया का पलड़ा भारी
दिल्ली विधानसभा चुनावों में कृष्णा नगर सीट से इस बार दो डाक्टरों की साख दांव पर है-वहीं आम आदमी पार्टी के एस.के. बग्गा चुनावी मैदान में हैं। एक डाक्टर वह हैं जो दिल्ली सरकार में 15 वर्षो तक मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक कुमार वालिया कभी कांग्रेस के नंबर दो कहलाते थे और शीला दीक्षित के बाद उन्हीं का नंबर आता था। वहीं दूसरी तरफ एक वो डाक्टर हैं जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने भरोसा किया है। बीजेपी ने इस बार एक डाक्टर छवि के उम्मीदवार को ही कृष्णा नगर से अपना उम्मीदवार बनाया है। डा. अनिल गोयल प्रोफेशनली डाक्टर हैं और मेडिकल प्रैक्टिस भी करते हैं। अनिल गोयल का कहना है कि इस इलाके में वह बचपन से रहते हैं और इस इलाके की हर नब्ज को समझते हैं।
डा. अशोक कुमार वालिया की मानें तो शीला सरकार के दौरान जो विकास उनके द्वारा इस इलाके में किया गया था उसके बाद से अब तक इस इलाके में कोई विकास नहीं किया गया। इस इलाके में विकास और पानी की समस्या है। आम आदमी पार्टी ने इस बार भी कृष्णा नगर से अपने मौजूदा विधायक एस.के. बग्गा को चुनावी मैदान में उतारा है बग्गा की मानें तो उन्होंने इस इलाके में सबसे ज्यादा विकास किया है।
कृष्णा नगर क्षेत्र पंजाबी बहुबल इलाका कहलाता है इसके अलावा यहां मुस्लिम, वैश्य समाज के लोग काफी संख्या में रहते हैं-डा. वालिया इस क्षेत्र के गीता कालोनी इलाके से पहले भी विधायक रहे चुके हैं-डा. वालिया ने यमुनापार के चंहुमुखी विकास में अनुकरणीय कार्य किये हैं, जिनमें महत्वपूर्ण कार्यो में लक्ष्मीनगर चुंगी के नीचे से नोएडा, मयूर विहार और गीता कालोनी को अंडरपास सड़कें निकालकर सीधा जोड़े जाने से यहां से गुजरने वाले लाखों लोगों को यातायात जाम की समस्या से निजात मिली। इसके अलावा गीता कालोनी नाले को कवर कर सड़क निकाल कर शांतिवन की ओर निकालने से भी गीता कालोनी, कृष्णानगर, शाहदरा से निकलने वाले टैªफिक की समस्या का समाधान हुआ है।
यही नहीं बच्चों के उपचार हेतु गीता कालोनी में बनाये गये चाचा नेहरू अस्पताल एवं छात्रों के लिए बनाये गये इंजीनियरिंग कालेज से यहां की जनता को काफी राहत मिली है। इसके अलावा भी डा. वालिया द्वारा यमुनापार में अनेक महत्चपूर्ण कार्य किये जाने से और क्षेत्र की जनता से सीधा संपर्क में रहने के कारण क्षेत्र की जनता में उनका काफी अच्छा प्रभाव है और चुनाव की स्थिति को देखते हुए उनका पलड़ा अन्य उम्मीदवारों से काफी भारी है और उनकी जीत की संभावना भी पूरी बनी हुई है।