लखनऊ/भोपाल। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और कानपुर समेत लगभग समूचे राज्य में बुधवार देर रात से जारी रिमझिम बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। इससे ठंड भी बढ़ गई है और 8वीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। दूसरी ओर, मध्यप्रदेश में भी कोहरे और छिटपुट बारिश के बीच कड़ाके की ठंड लौट आई है।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से यूपी में वर्षा के हालात उत्पन्न हुए हैं, जो अगले 24 घंटों तक जारी रहने का अनुमान है। इस अवधि में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर इलाकों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ बारिश के आसार हैं। इस अवधि में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है हालांकि कुछ इलाकों में रात में तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। बारिश के चलते लखनऊ, सीतापुर और कानपुर समेत कुछ अन्य जिला प्रशासनों ने कक्षा आठ तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। वर्षा के चलते कई इलाकों में जलभराव होने से आवागमन प्रभावित हुआ। कार्यालय में उपस्थिति आम दिनो की अपेक्षा कम नजर आ रही है, वहीं सुबह दस बजे के करीब कई चौराहों में जाम की स्थिति नजर आई।
विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में लखनऊ समेत राज्य के अधिकतर जिलों में दिन का तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस तक अधिक दर्ज किया गया जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रात के तापमान में एक डिग्री तक की मामूली कमी रिकॉर्ड की गई। इस दौरान कोहरे का प्रकोप अपेक्षाकृत कम रहा।
मध्यप्रदेश में कोहरे का कहर : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और खासतौर से उत्तरी अंचल में कड़ाके की ठंड़, कोहरे और कुछेक स्थानों पर बारिश का कहर जारी रहने से आम लोग भी परेशान है। राजधानी भोपाल और आसपास के इलाकों में बुधवार देर शाम से ही कोहरे की धुंध छाई हुई है। भोपाल में आज सुबह से सुबह साढ़े दस बजे तक सूर्य के दर्शन नहीं हो सके।
उधर ग्वालियर चंबल अंचल में भी बुधवार से गुरुवार सुबह तक अनेक स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश हुई। सर्द हवाओं और कोहरे के बीच ठिठुरन तथा ठंड का कहर और बढ़ गया है। पास के ही जिले शिवपुरी में बारिश के चलते बुधवार शाम शादी-समारोह में व्यवधान उत्पन्न हुआ। बारिश का पानी शहर की निचली बस्तियों में भी पानी भर गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले एक-दो दिनों तक वर्षा की संभावना बनी हुई है।
फसलों को होगा फायदा : कृषि वैज्ञानिक डॉ. मुकेश भार्गव के अनुसार यह वर्षा फसलों के लिए लाभदायक है। इससे खेतों में लगी फसलों को पर्याप्त पानी एवं नमी मिलने से फसलें और अच्छी होने की संभावना है। चना, गेहूं, अलसी, मटर आदि फसलों के लिए यह वर्षा लाभदायक है। वर्षा के साथ ही ठंडी हवाएं चलने के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ गया है।