जन्माष्टमी पर 56 भोग बनाने जा रहे हैं तो बनाना न भूलें ये 5 पंजीरियां, पढ़ें आसान विधि

जन्माष्टमी के मौके पर भोग के लिए विशेष तौर से बनाई जाने वाली पंजीरी खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है, सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद होती है। आइए पढ़ें 5 तरह की पंजीरी बनाने की सरल विधियां... 
 
1. जन्माष्टमी का भोग : खसखस-मेवा की राजशाही पंजीरी
 
सामग्री :   
150 ग्राम सूजी, खोपरा बूरा 50 ग्राम, 200 ग्राम शक्कर बूरा, घी 150 ग्राम, बादाम 50 ग्राम, काजू 50 ग्राम, मखाने 50 ग्राम, पाव कटोरी खसखस, पाव कटोरी गोंद। 
 
विधि :   
एक कड़ाही में घी गरम करके सभी मेवों को तलकर रख लें। ठंडे होने के पश्चात उसको मिक्सी में बारीक पीस लें। इसी घी में सूजी डालकर धीमी आँच पर गुलाबी होने तक भून लें। 
 
सूजी हल्की गुनगुनी रहने पर उसमें शक्कर व खोपरे का बूरा तथा खसखस मिला दें। और साथ ही बारीक कूटे मेवे डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। लीजिए तैयार है कृष्ण की मनपसंद मेवा पंजीरी।
 
2. कृष्ण जन्माष्टमी का प्रसाद : राजगिरे की शाही पंजीरी
 
सामग्री : 
 
100 ग्राम राजगिरे का आटा, 150 ग्राम शक्कर बूरा, 50 ग्राम किशमिश, 100 ग्राम सभी प्रकार के मेवों की कतरन, आधा चम्मच पिसी इलायची, पाव कटोरी तला व बारीक कूटा हुआ गोंद, कुछेक किशमिश, 150 ग्राम घी।
 
विधि : >  
सर्वप्रथम घी गरम कर राजगिरे का आटा डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेक लें। 
 
सिका आटा थोड़ा ठंडा होने के पश्चात शक्कर बूरा और इलायची पावडर मिलाकर मिश्रण को एकसार कर लें। अब उसमें तला गोंद व मेवों की कतरन तथा किशमिश मिक्स कर दें।  लीजिए तैयार है राजगिरे की राजशाही पंजीरी।
 
3. जन्माष्टमी विशेष : धनिया-मेवे की पंजीरी
 
सामग्री :
 
100 ग्राम साबुत खड़ा धनिया, 100 ग्राम पिसी शकर, छोटी पाव कटोरी कटे हुए मखाने, 25 ग्राम सूखे खोपरे के टुकड़े, काजू और बादाम की कतरन, 2
 
-3 इलायची पिसी हुई, कुछेक किशमिश, 4-5 केसर के लच्छे, घी (अंदाज से)।
 
विधि :
 
* सबसे पहले एक कड़ाही में छोटा आधा चम्मच घी गर्म करें। 
 
* अब धनिया डालकर धीमी आंच पर भूनें। 
 
* जब धनिए से खुशबू आने लगे तब आंच से उतारकर ठंडा कर लें। 
 
* अब सभी मेवे भूनकर अलग रखें। 
 
* धनिया ठंडा होने पर मिक्सी में बारीक बीस लें। 
 
* अब इसमें पिसी शकर, तले मेवे और पिसी इलायची डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
 
* केसर से सजाएं। 
 
* लीजिए तैयार है शाही धनिया-मेवे की पंजीरी।
 
अब इस प्रसाद से कान्हा जी को भोग लगाएं। 
 
 
4. जन्माष्टमी नैवेद्य : बेसन की पंजीरी
 
सामग्री : 
 
100 ग्राम बेसन (चना आटा), शक्कर बूरा 150 ग्राम, मेवा कतरन 100 ग्राम, पाव कटोरी खसखस, चारोली 50 ग्राम, गोंद 25 ग्राम, घी 200 ग्राम, पिसी इलायची पाव चम्मच। 
 
विधि : 
 
सर्वप्रथम घी को गरम कर गोंद तलकर रख लें। गरम घी में बेसन डालकर मध्यम आँच पर हल्का लाल होने तक सेंके। उसे थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें। 
 
अब उसमें शक्कर बूरा, खसखस, चारोली, तली गोंद व इलायची पावडर डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार पंजीरी में मेवों की कतरन बुरक दें। और सर्व करें।
 
5. जन्माष्टमी पर खास : सूखे धनिए की पंजीरी
 
सामग्री :>  
100 ग्राम सूखा धनिया पावडर, 50 ग्राम मावा, खोपरा बूरा 50 ग्राम, शक्कर बूरा 100 ग्राम, 4-5 पिसी इलायची पावडर, मेवों की कतरन 50 ग्राम। 
 
विधि :   
सर्वप्रथम मावे को किसनी से कद्दूकस करके धीमी आंच पर थोड़ा सा सेंक लें। अब उसमें धनिया पावडर डालें व दो-पांच मिनट भून लें। मिश्रण थोड़ा ठंडा होने के बाद खोपरा व शक्कर का बूरा डालकर मिक्स कर लें। अब उसमें पिसी इलायची व मेवों की कतरन डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार है धनिए की पंजीरी।