नई दिल्ली । साल 2014 में एक विमान दुघर्टना काफी चर्चित रही थी। इस घटना में विमान के समुद्र में गिरने से उसमें सवार सभी 283 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस घटना में एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान चलाने वाला पायलट डिप्रेशन का शिकार था, इसी वजह से उसने कंट्रोल रूम से संपर्क टूट जाने के बाद विमान की ऊंचाई बढ़ाई और वहां से विमान को सीधे हिंद महासागर में गिरा दिया। विमान की ऊंचाई अधिक होने की वजह से उसमें सवार बुजुर्गों और बच्चों की मौत हो गई, उसके बाद जो लोग बाकी बचे उनकी मौत हिंद महासागर में विमान गिरने के बाद हो गई। इस तरह से इस विमान में सवार एक भी व्यक्ति जिंदा नहीं बचा। इस विमान के कैप्टन ज़ाहरी अहमद शाह पायलट-इन-कमांड थे जब मार्च 2014 में 238 अन्य यात्रियों और चालक दल को ले जाने वाला विमान गायब हो गया।
माना जाता है कि मलेशियाई एयरलाइंस का बोइंग 777 दक्षिणी हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, और पिछले साल जुलाई में एक सुरक्षा रिपोर्ट से पता चला कि विमान कई घंटों तक उड़ान भरने से पहले मैन्युअल रूप से बंद कर दिया गया था। द अटलांटिक की ओर से जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि विमानन विशेषज्ञ विलियम लैंगविशे ने बताया है कि जो कुछ हुआ, वो शाह के परेशान निजी जीवन का परिणाम था। उन्होंने बताया कि रात को 1.10 बजे विमान लापता हो गया उस समय विमान लगभग 35,000 फीट की ऊंचाई पर था, 1.21 बजे तक जब यह रडार से गायब हो गया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर माइक एक्सनर ने बताया कि विमान हवा में 40,000 फीट की ऊंचाई पर चढ़ गया 'जिससे केबिन में आक्सीजन की कमी हो गई और वहां बैठे सभी यात्रियों की मौत हो गई।
नई रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के पायलट के निजी जीवन में तमाम तरह की उठापटक चल रही थी जिसकी वजह से वो काफी परेशान था। इस वजह से विमान उड़ाने के दौरान उसके जीवन में ये ख्याल आया होगा कि वो आत्महत्या कर लें, इसी को ध्यान में रखकर उसने विमान के साथ ही आत्महत्या करने का निर्णय लिया। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वो विमान को अधिक ऊंचाई पर ले गया और वहां से सीधे नीचे हिंद महासागर में गिरा दिया, इससे विमान के परखच्चे उड़ गए, जिन यात्रियों की ऊंचाई पर मौत नहीं हुई थी वो सीधे समुद्र से विमान के टकराने और उसके बाद उसमें विस्फोट हो जाने के बाद मर गए।
विमान को ऊपर ले जाकर सीधे समुद्र में गिराने के मामले में पायलट ज़ाहरी अहमद शाह ने अपने सह-पायलट फ़ारिक हामिद को भी धोखा दिया, उन्होंने बहाने से फारिक अहमद को कॉकपिट के बाहर भेज दिया, उसके बाद विमान को आटो मोड पर डाल दिया, इंजन बंद कर दिया। इस वजह से विमान सीधे महासागर में गिरा और उसके टुकड़े टुकड़े हो गए। विमान दुघर्टना होने के बाद पायलट शाह की निजी जिंदगी और अन्य चीजों के बारे में पता किया गया तो तमाम तरह के राज सामने आने लगे। इसी में पता चला कि 'ज़ाहरी की शादी खराब थी। अतीत में वह कुछ उड़ान परिचारकों के साथ सोया था। उसका मानना था कि वो विमान की एयर होस्टेस के साथ जिस तरह से मौज मस्ती कर रहा है उसके बारे में उसके परिवार को कुछ पता नहीं चला।
शाह सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय थे, अक्सर ट्विन मॉडल पर प्रोफाइल पर संदेश छोड़ते थे, और कई राजनीतिक बयानों को सरकार के लिए महत्वपूर्ण बनाते थे। बोइंग 777 के लापता होने से पहले के 12 महीनों में, ज़ाहरी ने 26 साल की क्यू मिन लैन और 26 साल की उसकी जुड़वां लैन क्यूई हुई के फेसबुक पेजों पर अश्लील टिप्पणी की। लड़कियों को अपने जुनूनी संदेशों के आधार पर, शाह ने अक्सर मलेशियाई सरकार की आलोचना की, जो उस एयरलाइन के लिए होता है जिसके लिए उन्होंने काम किया था। अपने स्वयं के सार्वजनिक फेसबुक पेज पर, ज़ाहरी ने तत्कालीन प्रधान मंत्री नजीब रजाक को 'मूर्ख' कहा।
पायलट ज़ाहरी अहमद शाह ने व्यक्तिगत समस्याओं के कारण सामूहिक हत्या की योजना बनाई, उसने अपने सह-पायलट को कॉकपिट से बाहर निकाल दिया, विमान के सभी संचार बंद कर दिए, मुख्य केबिन को लॉक किया और फिर विमान को निष्क्रिय कर दिया ताकि यह ऑटो-पायलट पर उड़ान भरना जारी रखे, जब तक कि उसमें भरा हुआ तेल खत्म न हो जाए। कुआलालंपुर में उनकी व्यक्तिगत समस्याओं, अफवाहों में उनकी पत्नी फ़िज़ाह खान ने सफाई भी दी। उनका कहना था कि शाह परिवार के लिए समर्पित थे, वो नौकरी से भी प्यार करते थे, वो ऐसा नहीं कर सकते हैं।
जल और जल समुद्र पर तैरते हुए देखा गया था
जेद्दा से कुआलालंपुर की उड़ान पर जो 8 मार्च को अंडमान सागर के ऊपर से गुजरा, 53 वर्षीय मलेशियाई महिला राजा दलेला ने देखा कि वह पानी की सतह पर बैठा हुआ विमान था। वह MH370 के लिए शुरू की गई खोज के बारे में नहीं जानती थी। उसने एक नायिका को सचेत किया जिसने उसे सोने के लिए वापस जाने के लिए कहा। "मैं यह देखकर हैरान रह गई कि पानी पर एक विमान की पूंछ और पंख क्या दिखते हैं," जब उसने कुआलालंपुर में उतरने पर अपने दोस्तों को बताया था, तो उसने देखा था कि उसे लापता जेट का पता चला था। उसने लगभग 2.30 बजे मलेशियाई समय में उस विमान को देखा था। उसने कहा कि वह पहले कई जहाजों और द्वीपों की पहचान करने में सक्षम थी जो उसने कहा था कि वह एक विमान था। लेकिन उनकी कहानी को पायलटों ने हंसी में उड़ा दिया जिन्होंने कहा कि 35,000 फीट या सात मील से पानी में एक विमान का हिस्सा देखना असंभव होगा।