नई दिल्ली। दिल्ली के लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा 350 से अधिक पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा के बाद सभी की निगाहें दिल्ली के संभावित प्रत्याशियों पर है, जहां भाजपा हाईकमान कांग्रेस और आप के के चुनावी गठजोड़ के संशय के चलते कदम फूंक कर चल रही है। छतीसगढ़ के सारे सांसद बदलने की तर्ज पर वह फार्मूला दिल्ली में भी संभावित है। वरिष्ठ नेता डॉ. हर्षवर्धन के अलावा सभी सीटों पर नए प्रत्याशी उतारने की चर्चा है और पार्टी हाईकमान ने कल प्रदेश चुनाव समिति से जुड़े नेताओं को जो लताड़ लगाई है उससे भी जमीनी और लोकप्रिय पार्टी कार्यकर्ताओं की दावेदारी की संभावना बढ़ गई है। दक्षिणी व पश्चिमी दिल्ली की सीट पर जाट समुदाय से जुड़े प बार के विधायक रहे वरिष्ठ नेता धर्मदेव सोलंकी को लड़ाने की बाच चल रही है। सौलंकी की छवि साफ और ईमानदार नेता के साथ पूर्वाचल व उत्तराखण्ड के कार्यकर्ताओं समेत सभी को साथ लेकर चलने की है। उनके पिता मास्टर हरि कृष्ण सोलंकी पण्डित दीन दयाल उपाध्याय, नाना जी देशमुख व श्रद्धेय अटल विहारी वाजपेयी के साथ जनसंघ के स्थापना काल से लेकर भाजपा की स्थापना तक महत्वपूर्ण भूमिका में रहे।
दिल्ली के किसानों के साथ अनाधिकृत कालोनियों और दिल्ली के गांवों में उनकी अच्छी पैठ है। बताते है साहिब सिहं वर्मा को भाजपा में लाने वाले और सांसद बनाने वाले धर्मदेव सोलंकी ही है। धर्मदेव जी कहते है कि दिल्ली में प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी ने जो पूर्वाचल का वोट पार्टी के साथ जोड़ा है, हम उसकों ससम्मान मजबूती देने के पक्षधर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के निष्ठावान सैनिक की तरह हमें दिल्ली की जनता को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार व धोखे से बचाना है।
वास्तव में दिल्ली की पहली विधानसभा में 1993 में विधायक और विधायक दल का सचिव बनने के बाद श्री धर्मदेव सोलंकी चार बार पालम विधानसभा से विधायक रहे। संघ के स्वंयसेवक, पांचजन्य, ओरग्नाईजर व मदरलैण्ड पत्र- पत्रिकाओं से जुड़े, जनसंघ व भाजपा संगठन में कई जिम्मेदारीयों को निभाने वाले श्री धर्मदेव सोलंकी की सादगी, ईमानदारी और कार्यकर्ताओं से संवाद व व्यवहार उनकी दावेदारी को और मजबूत करता है।